Tujhe Kitna Chahe Aur Hum (Kabir Singh) – Song Lyrics
दिल का दरिया बह ही गया
राहों में यूँ जो तू मिल गया
मुश्किल से मैं संभला था, हाँ
टूट गया हूँ फिर एक दफ़ा
राहों में यूँ जो तू मिल गया
मुश्किल से मैं संभला था, हाँ
टूट गया हूँ फिर एक दफ़ा
बात बिगड़ी है इस कदर
दिल है टूटा, टूटे हैं हम
दिल है टूटा, टूटे हैं हम
तेरे बिन अब ना लेंगे एक भी दम
तुझे कितना चाहें और हम?
तेरे बिन अब ना लेंगे एक भी दम
तुझे कितना चाहें और हम?
तुझे कितना चाहें और हम?
तेरे बिन अब ना लेंगे एक भी दम
तुझे कितना चाहें और हम?
तेरे साथ हो जाएँगे ख़तम
तुझे कितना चाहें और हम?
तुझे कितना चाहें और हम?
बात बिगड़ी है इस कदर
दिल है टूटा, टूटे हैं हम
दिल है टूटा, टूटे हैं हम
तेरे बिन अब ना लेंगे एक भी दम
तुझे कितना चाहें और हम?
तेरे साथ हो जाएँगे ख़तम
तुझे कितना चाहें और हम?
तुझे कितना चाहें और हम?
तेरे साथ हो जाएँगे ख़तम
तुझे कितना चाहें और हम?
वक्त ने है किया हम पे कैसा सितम?
तुम भी बेज़ार हो, बर्बाद हैं हम
जाने किस रास्ते मुझको ले जाएँगे
बेदिशा ये मेरे डगमगाते कदम
तुम भी बेज़ार हो, बर्बाद हैं हम
जाने किस रास्ते मुझको ले जाएँगे
बेदिशा ये मेरे डगमगाते कदम
साथ देती परछाइयाँ
और मेहरबाँ हो रहे ग़म
और मेहरबाँ हो रहे ग़म
तेरे बिन अब ना लेंगे एक भी दम
तुझे कितना चाहें और हम?
तेरे साथ हो जाएँगे ख़तम
तुझे कितना चाहें और हम?
तुझे कितना चाहें और हम?
तुझे कितना चाहें और हम?
तेरे साथ हो जाएँगे ख़तम
तुझे कितना चाहें और हम?
तुझे कितना चाहें और हम?